याचध्वं ततो युष्मभ्यं दायिष्यते; मृगयध्वं तत उद्देशं लप्स्यध्वे; द्वारम् आहत, ततो युष्मत्कृते मुक्तं भविष्यति।
लूका 18:39 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari ततोग्रगामिनस्तं मौनी तिष्ठेति तर्जयामासुः किन्तु स पुनारुवन् उवाच, हे दायूदः सन्तान मां दयस्व। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script ততোগ্ৰগামিনস্তং মৌনী তিষ্ঠেতি তৰ্জযামাসুঃ কিন্তু স পুনাৰুৱন্ উৱাচ, হে দাযূদঃ সন্তান মাং দযস্ৱ| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script ততোগ্রগামিনস্তং মৌনী তিষ্ঠেতি তর্জযামাসুঃ কিন্তু স পুনারুৱন্ উৱাচ, হে দাযূদঃ সন্তান মাং দযস্ৱ| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script တတောဂြဂါမိနသ္တံ မော်နီ တိၐ္ဌေတိ တရ္ဇယာမာသုး ကိန္တု သ ပုနာရုဝန် ဥဝါစ, ဟေ ဒါယူဒး သန္တာန မာံ ဒယသွ၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script tatOgragAminastaM maunI tiSThEti tarjayAmAsuH kintu sa punAruvan uvAca, hE dAyUdaH santAna mAM dayasva| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script તતોગ્રગામિનસ્તં મૌની તિષ્ઠેતિ તર્જયામાસુઃ કિન્તુ સ પુનારુવન્ ઉવાચ, હે દાયૂદઃ સન્તાન માં દયસ્વ| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script tatogragAminastaM maunI tiSTheti tarjayAmAsuH kintu sa punAruvan uvAca, he dAyUdaH santAna mAM dayasva| |
याचध्वं ततो युष्मभ्यं दायिष्यते; मृगयध्वं तत उद्देशं लप्स्यध्वे; द्वारम् आहत, ततो युष्मत्कृते मुक्तं भविष्यति।
तदा स तान् उक्तवान्, हे अल्पविश्वासिनो यूयं कुतो विभीथ? ततः स उत्थाय वातं सागरञ्च तर्जयामास, ततो निर्व्वातमभवत्।
ततः परं यीशुस्तस्मात् स्थानाद् यात्रां चकार; तदा हे दायूदः सन्तान, अस्मान् दयस्व, इति वदन्तौ द्वौ जनावन्धौ प्रोचैराहूयन्तौ तत्पश्चाद् वव्रजतुः।
हा हा व्यवस्थपका यूयं ज्ञानस्य कुञ्चिकां हृत्वा स्वयं न प्रविष्टा ये प्रवेष्टुञ्च प्रयासिनस्तानपि प्रवेष्टुं वारितवन्तः।
अपरञ्च लोकैरक्लान्तै र्निरन्तरं प्रार्थयितव्यम् इत्याशयेन यीशुना दृष्टान्त एकः कथितः।
अथ शिशूनां गात्रस्पर्शार्थं लोकास्तान् तस्य समीपमानिन्युः शिष्यास्तद् दृष्ट्वानेतृन् तर्जयामासुः,
तदा लोकारण्यमध्यस्थाः कियन्तः फिरूशिनस्तत् श्रुत्वा यीशुं प्रोचुः, हे उपदेशक स्वशिष्यान् तर्जय।
यीशोरेतद्वाक्यवदनकाले तस्याधिपते र्निवेशनात् कश्चिल्लोक आगत्य तं बभाषे, तव कन्या मृता गुरुं मा क्लिशान।