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योहन 4:45 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

अनन्तरं ये गालीली लियलोका उत्सवे गता उत्सवसमये यिरूशलम् नगरे तस्य सर्व्वाः क्रिया अपश्यन् ते गालीलम् आगतं तम् आगृह्लन्।

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

অনন্তৰং যে গালীলী লিযলোকা উৎসৱে গতা উৎসৱসমযে যিৰূশলম্ নগৰে তস্য সৰ্ৱ্ৱাঃ ক্ৰিযা অপশ্যন্ তে গালীলম্ আগতং তম্ আগৃহ্লন্|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

অনন্তরং যে গালীলী লিযলোকা উৎসৱে গতা উৎসৱসমযে যিরূশলম্ নগরে তস্য সর্ৱ্ৱাঃ ক্রিযা অপশ্যন্ তে গালীলম্ আগতং তম্ আগৃহ্লন্|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

အနန္တရံ ယေ ဂါလီလီ လိယလောကာ ဥတ္သဝေ ဂတာ ဥတ္သဝသမယေ ယိရူၑလမ် နဂရေ တသျ သရွွား ကြိယာ အပၑျန် တေ ဂါလီလမ် အာဂတံ တမ် အာဂၖဟ္လန်၊

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

anantaraM yE gAlIlI liyalOkA utsavE gatA utsavasamayE yirUzalam nagarE tasya sarvvAH kriyA apazyan tE gAlIlam AgataM tam AgRhlan|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

અનન્તરં યે ગાલીલી લિયલોકા ઉત્સવે ગતા ઉત્સવસમયે યિરૂશલમ્ નગરે તસ્ય સર્વ્વાઃ ક્રિયા અપશ્યન્ તે ગાલીલમ્ આગતં તમ્ આગૃહ્લન્|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

anantaraM ye gAlIlI liyalokA utsave gatA utsavasamaye yirUzalam nagare tasya sarvvAH kriyA apazyan te gAlIlam AgataM tam AgRhlan|

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



योहन 4:45
10 अन्तरसन्दर्भाः  

अपरञ्च पीलातो येषां गालीलीयानां रक्तानि बलीनां रक्तैः सहामिश्रयत् तेषां गालीलीयानां वृत्तान्तं कतिपयजना उपस्थाप्य यीशवे कथयामासुः।


अथ यीशौ परावृत्यागते लोकास्तं आदरेण जगृहु र्यस्मात्ते सर्व्वे तमपेक्षाञ्चक्रिरे।


किन्तु स यिरूशालमं नगरं याति ततो हेतो र्लोकास्तस्यातिथ्यं न चक्रुः।


अनन्तरं निस्तारोत्सवस्य भोज्यसमये यिरूशालम् नगरे तत्क्रुताश्चर्य्यकर्म्माणि विलोक्य बहुभिस्तस्य नामनि विश्वसितं।


यीशौरभ्यर्णम् आव्रज्य व्याहार्षीत्, हे गुरो भवान् ईश्वराद् आगत् एक उपदेष्टा, एतद् अस्माभिर्ज्ञायते; यतो भवता यान्याश्चर्य्यकर्म्माणि क्रियन्ते परमेश्वरस्य साहाय्यं विना केनापि तत्तत्कर्म्माणि कर्त्तुं न शक्यन्ते।


यिहूदीयदेशाद् आगत्य गालीलि यीशुरेतद् द्वितीयम् आश्चर्य्यकर्म्माकरोत्।