योहन 19:18 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari ततस्ते मध्यस्थाने तं तस्योभयपार्श्वे द्वावपरौ क्रुशेऽविधन्। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script ততস্তে মধ্যস্থানে তং তস্যোভযপাৰ্শ্ৱে দ্ৱাৱপৰৌ ক্ৰুশেঽৱিধন্| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script ততস্তে মধ্যস্থানে তং তস্যোভযপার্শ্ৱে দ্ৱাৱপরৌ ক্রুশেঽৱিধন্| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script တတသ္တေ မဓျသ္ထာနေ တံ တသျောဘယပါရ္ၑွေ ဒွါဝပရော် ကြုၑေ'ဝိဓန်၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script tatastE madhyasthAnE taM tasyObhayapArzvE dvAvaparau kruzE'vidhan| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script તતસ્તે મધ્યસ્થાને તં તસ્યોભયપાર્શ્વે દ્વાવપરૌ ક્રુશેઽવિધન્| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script tataste madhyasthAne taM tasyobhayapArzve dvAvaparau kruze'vidhan| |
तस्मिन् यीशौ ईश्वरस्य पूर्व्वनिश्चितमन्त्रणानिरूपणानुसारेण मृत्यौ समर्पिते सति यूयं तं धृत्वा दुष्टलोकानां हस्तैः क्रुशे विधित्वाहत।
ख्रीष्टोऽस्मान् परिक्रीय व्यवस्थायाः शापात् मोचितवान् यतोऽस्माकं विनिमयेन स स्वयं शापास्पदमभवत् तदधि लिखितमास्ते, यथा, "यः कश्चित् तरावुल्लम्ब्यते सोऽभिशप्त इति।"
यश्चास्माकं विश्वासस्याग्रेसरः सिद्धिकर्त्ता चास्ति तं यीशुं वीक्षामहै यतः स स्वसम्मुखस्थितानन्दस्य प्राप्त्यर्थम् अपमानं तुच्छीकृत्य क्रुशस्य यातनां सोढवान् ईश्वरीयसिंहासनस्य दक्षिणपार्श्वे समुपविष्टवांश्च।