या दश कन्याः प्रदीपान् गृह्लत्यो वरं साक्षात् कर्त्तुं बहिरिताः, ताभिस्तदा स्वर्गीयराज्यस्य सादृश्यं भविष्यति।
योहन 11:20 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari मर्था यीशोरागमनवार्तां श्रुत्वैव तं साक्षाद् अकरोत् किन्तु मरियम् गेह उपविश्य स्थिता। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script মৰ্থা যীশোৰাগমনৱাৰ্তাং শ্ৰুৎৱৈৱ তং সাক্ষাদ্ অকৰোৎ কিন্তু মৰিযম্ গেহ উপৱিশ্য স্থিতা| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script মর্থা যীশোরাগমনৱার্তাং শ্রুৎৱৈৱ তং সাক্ষাদ্ অকরোৎ কিন্তু মরিযম্ গেহ উপৱিশ্য স্থিতা| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script မရ္ထာ ယီၑောရာဂမနဝါရ္တာံ ၑြုတွဲဝ တံ သာက္ၐာဒ် အကရောတ် ကိန္တု မရိယမ် ဂေဟ ဥပဝိၑျ သ္ထိတာ၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script marthA yIzOrAgamanavArtAM zrutvaiva taM sAkSAd akarOt kintu mariyam gEha upavizya sthitA| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script મર્થા યીશોરાગમનવાર્તાં શ્રુત્વૈવ તં સાક્ષાદ્ અકરોત્ કિન્તુ મરિયમ્ ગેહ ઉપવિશ્ય સ્થિતા| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script marthA yIzorAgamanavArtAM zrutvaiva taM sAkSAd akarot kintu mariyam geha upavizya sthitA| |
या दश कन्याः प्रदीपान् गृह्लत्यो वरं साक्षात् कर्त्तुं बहिरिताः, ताभिस्तदा स्वर्गीयराज्यस्य सादृश्यं भविष्यति।
अनन्तरम् अर्द्धरात्रे पश्यत वर आगच्छति, तं साक्षात् कर्त्तुं बहिर्यातेति जनरवात्
तस्मात् तत्रत्याः भ्रातरोऽस्माकम् आगमनवार्त्तां श्रुत्वा आप्पियफरं त्रिष्टावर्णीञ्च यावद् अग्रेसराः सन्तोस्मान् साक्षात् कर्त्तुम् आगमन्; तेषां दर्शनात् पौल ईश्वरं धन्यं वदन् आश्वासम् आप्तवान्।
अपरम् अस्माकं मध्ये ये जीवन्तोऽवशेक्ष्यन्ते त आकाशे प्रभोः साक्षात्करणार्थं तैः सार्द्धं मेघवाहनेन हरिष्यन्ते; इत्थञ्च वयं सर्व्वदा प्रभुना सार्द्धं स्थास्यामः।