अहं युष्मानतियथार्थं वदामि, यो जनो द्वारेण न प्रविश्य केनाप्यन्येन मेषगृहं प्रविशति स एव स्तेनो दस्युश्च।
योहन 10:8 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari मया न प्रविश्य य आगच्छन् ते स्तेना दस्यवश्च किन्तु मेषास्तेषां कथा नाशृण्वन्। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script মযা ন প্ৰৱিশ্য য আগচ্ছন্ তে স্তেনা দস্যৱশ্চ কিন্তু মেষাস্তেষাং কথা নাশৃণ্ৱন্| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script মযা ন প্রৱিশ্য য আগচ্ছন্ তে স্তেনা দস্যৱশ্চ কিন্তু মেষাস্তেষাং কথা নাশৃণ্ৱন্| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script မယာ န ပြဝိၑျ ယ အာဂစ္ဆန် တေ သ္တေနာ ဒသျဝၑ္စ ကိန္တု မေၐာသ္တေၐာံ ကထာ နာၑၖဏွန်၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script mayA na pravizya ya Agacchan tE stEnA dasyavazca kintu mESAstESAM kathA nAzRNvan| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script મયા ન પ્રવિશ્ય ય આગચ્છન્ તે સ્તેના દસ્યવશ્ચ કિન્તુ મેષાસ્તેષાં કથા નાશૃણ્વન્| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script mayA na pravizya ya Agacchan te stenA dasyavazca kintu meSAsteSAM kathA nAzRNvan| |
अहं युष्मानतियथार्थं वदामि, यो जनो द्वारेण न प्रविश्य केनाप्यन्येन मेषगृहं प्रविशति स एव स्तेनो दस्युश्च।
किन्तु परस्य शब्दं न बुध्यन्ते तस्मात् तस्य पश्चाद् व्रजिष्यन्ति वरं तस्य समीपात् पलायिष्यन्ते।
इतः पूर्व्वं थूदानामैको जन उपस्थाय स्वं कमपि महापुरुषम् अवदत्, ततः प्रायेण चतुःशतलोकास्तस्य मतग्राहिणोभवन् पश्चात् स हतोभवत् तस्याज्ञाग्राहिणो यावन्तो लोकास्ते सर्व्वे विर्कीर्णाः सन्तो ऽकृतकार्य्या अभवन्।