तथा तेषान्तु वै कण्ठा अनावृतश्मशानवत्। स्तुतिवादं प्रकुर्व्वन्ति जिह्वाभिस्ते तु केवलं। तेषामोष्ठस्य निम्ने तु विषं तिष्ठति सर्प्पवत्।
याकूब 3:8 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari किन्तु मानवानां केनापि जिह्वा दमयितुं न शक्यते सा न निवार्य्यम् अनिष्टं हलाहलविषेण पूर्णा च। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script কিন্তু মানৱানাং কেনাপি জিহ্ৱা দমযিতুং ন শক্যতে সা ন নিৱাৰ্য্যম্ অনিষ্টং হলাহলৱিষেণ পূৰ্ণা চ| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script কিন্তু মানৱানাং কেনাপি জিহ্ৱা দমযিতুং ন শক্যতে সা ন নিৱার্য্যম্ অনিষ্টং হলাহলৱিষেণ পূর্ণা চ| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script ကိန္တု မာနဝါနာံ ကေနာပိ ဇိဟွာ ဒမယိတုံ န ၑကျတေ သာ န နိဝါရျျမ် အနိၐ္ဋံ ဟလာဟလဝိၐေဏ ပူရ္ဏာ စ၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script kintu mAnavAnAM kEnApi jihvA damayituM na zakyatE sA na nivAryyam aniSTaM halAhalaviSENa pUrNA ca| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script કિન્તુ માનવાનાં કેનાપિ જિહ્વા દમયિતું ન શક્યતે સા ન નિવાર્ય્યમ્ અનિષ્ટં હલાહલવિષેણ પૂર્ણા ચ| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script kintu mAnavAnAM kenApi jihvA damayituM na zakyate sA na nivAryyam aniSTaM halAhalaviSeNa pUrNA ca| |
तथा तेषान्तु वै कण्ठा अनावृतश्मशानवत्। स्तुतिवादं प्रकुर्व्वन्ति जिह्वाभिस्ते तु केवलं। तेषामोष्ठस्य निम्ने तु विषं तिष्ठति सर्प्पवत्।
रसनापि भवेद् वह्निरधर्म्मरूपपिष्टपे। अस्मदङ्गेषु रसना तादृशं सन्तिष्ठति सा कृत्स्नं देहं कलङ्कयति सृष्टिरथस्य चक्रं प्रज्वलयति नरकानलेन ज्वलति च।
पशुपक्ष्युरोगजलचराणां सर्व्वेषां स्वभावो दमयितुं शक्यते मानुषिकस्वभावेन दमयाञ्चक्रे च।
अपरं स महानागो ऽर्थतो दियावलः (अपवादकः) शयतानश्च (विपक्षः) इति नाम्ना विख्यातो यः पुरातनः सर्पः कृत्स्नं नरलोकं भ्रामयति स पृथिव्यां निपातितस्तेन सार्द्धं तस्य दूता अपि तत्र निपातिताः।