पिता मह्यं यावतो लोकानददात् ते सर्व्व एव ममान्तिकम् आगमिष्यन्ति यः कश्चिच्च मम सन्निधिम् आयास्यति तं केनापि प्रकारेण न दूरीकरिष्यामि।
प्रेरिता 5:1 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari तदा अनानियनामक एको जनो यस्य भार्य्याया नाम सफीरा स स्वाधिकारं विक्रीय अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script তদা অনানিযনামক একো জনো যস্য ভাৰ্য্যাযা নাম সফীৰা স স্ৱাধিকাৰং ৱিক্ৰীয সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script তদা অনানিযনামক একো জনো যস্য ভার্য্যাযা নাম সফীরা স স্ৱাধিকারং ৱিক্রীয သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script တဒါ အနာနိယနာမက ဧကော ဇနော ယသျ ဘာရျျာယာ နာမ သဖီရာ သ သွာဓိကာရံ ဝိကြီယ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script tadA anAniyanAmaka EkO janO yasya bhAryyAyA nAma saphIrA sa svAdhikAraM vikrIya સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script તદા અનાનિયનામક એકો જનો યસ્ય ભાર્ય્યાયા નામ સફીરા સ સ્વાધિકારં વિક્રીય satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script tadA anAniyanAmaka eko jano yasya bhAryyAyA nAma saphIrA sa svAdhikAraM vikrIya |
पिता मह्यं यावतो लोकानददात् ते सर्व्व एव ममान्तिकम् आगमिष्यन्ति यः कश्चिच्च मम सन्निधिम् आयास्यति तं केनापि प्रकारेण न दूरीकरिष्यामि।
स्वभार्य्यां ज्ञापयित्वा तन्मूल्यस्यैकांशं सङ्गोप्य स्थापयित्वा तदन्यांशमात्रमानीय प्रेरितानां चरणेषु समर्पितवान्।
किन्तु बृहन्निकेतने केवल सुवर्णमयानि रौप्यमयाणि च भाजनानि विद्यन्त इति तर्हि काष्ठमयानि मृण्मयान्यपि विद्यन्ते तेषाञ्च कियन्ति सम्मानाय कियन्तपमानाय च भवन्ति।