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2 तीमुथियु 4:13 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

यद् आच्छादनवस्त्रं त्रोयानगरे कार्पस्य सन्निधौ मया निक्षिप्तं त्वमागमनसमये तत् पुस्तकानि च विशेषतश्चर्म्मग्रन्थान् आनय।

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

যদ্ আচ্ছাদনৱস্ত্ৰং ত্ৰোযানগৰে কাৰ্পস্য সন্নিধৌ মযা নিক্ষিপ্তং ৎৱমাগমনসমযে তৎ পুস্তকানি চ ৱিশেষতশ্চৰ্ম্মগ্ৰন্থান্ আনয|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

যদ্ আচ্ছাদনৱস্ত্রং ত্রোযানগরে কার্পস্য সন্নিধৌ মযা নিক্ষিপ্তং ৎৱমাগমনসমযে তৎ পুস্তকানি চ ৱিশেষতশ্চর্ম্মগ্রন্থান্ আনয|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

ယဒ် အာစ္ဆာဒနဝသ္တြံ တြောယာနဂရေ ကာရ္ပသျ သန္နိဓော် မယာ နိက္ၐိပ္တံ တွမာဂမနသမယေ တတ် ပုသ္တကာနိ စ ဝိၑေၐတၑ္စရ္မ္မဂြန္ထာန် အာနယ၊

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

yad AcchAdanavastraM trOyAnagarE kArpasya sannidhau mayA nikSiptaM tvamAgamanasamayE tat pustakAni ca vizESatazcarmmagranthAn Anaya|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

યદ્ આચ્છાદનવસ્ત્રં ત્રોયાનગરે કાર્પસ્ય સન્નિધૌ મયા નિક્ષિપ્તં ત્વમાગમનસમયે તત્ પુસ્તકાનિ ચ વિશેષતશ્ચર્મ્મગ્રન્થાન્ આનય|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

yad AcchAdanavastraM troyAnagare kArpasya sannidhau mayA nikSiptaM tvamAgamanasamaye tat pustakAni ca vizeSatazcarmmagranthAn Anaya|

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



2 तीमुथियु 4:13
7 अन्तरसन्दर्भाः  

अपरं केनचित् त्वया सार्ध्दं विवादं कृत्वा तव परिधेयवसने जिघृतिते तस्मायुत्तरीयवसनमपि देहि।


ततः परं वयं त्रोयानगराद् प्रस्थाय ऋजुमार्गेण सामथ्राकियोपद्वीपेन गत्वा परेऽहनि नियापलिनगर उपस्थिताः।


तस्मात् ते मुसियादेशं परित्यज्य त्रोयानगरं गत्वा समुपस्थिताः।


पुन र्मम मुखं न द्रक्ष्यथ विशेषत एषा या कथा तेनाकथि तत्कारणात् शोकं विलापञ्च कृत्वा कण्ठं धृत्वा चुम्बितवन्तः। पश्चात् ते तं पोतं नीतवन्तः।


वयमद्यापि क्षुधार्त्तास्तृष्णार्त्ता वस्त्रहीनास्ताडिता आश्रमरहिताश्च सन्तः


परिश्रमक्लेशाभ्यां वारं वारं जागरणेन क्षुधातृष्णाभ्यां बहुवारं निराहारेण शीतनग्नताभ्याञ्चाहं कालं यापितवान्।