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2 कुरिन्थियों 6:2 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

तेनोक्तमेतत्, संश्रोष्यामि शुभे काले त्वदीयां प्रार्थनाम् अहं। उपकारं करिष्यामि परित्राणदिने तव। पश्यतायं शुभकालः पश्यतेदं त्राणदिनं।

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

তেনোক্তমেতৎ, সংশ্ৰোষ্যামি শুভে কালে ৎৱদীযাং প্ৰাৰ্থনাম্ অহং| উপকাৰং কৰিষ্যামি পৰিত্ৰাণদিনে তৱ| পশ্যতাযং শুভকালঃ পশ্যতেদং ত্ৰাণদিনং|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

তেনোক্তমেতৎ, সংশ্রোষ্যামি শুভে কালে ৎৱদীযাং প্রার্থনাম্ অহং| উপকারং করিষ্যামি পরিত্রাণদিনে তৱ| পশ্যতাযং শুভকালঃ পশ্যতেদং ত্রাণদিনং|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

တေနောက္တမေတတ်, သံၑြောၐျာမိ ၑုဘေ ကာလေ တွဒီယာံ ပြာရ္ထနာမ် အဟံ၊ ဥပကာရံ ကရိၐျာမိ ပရိတြာဏဒိနေ တဝ၊ ပၑျတာယံ ၑုဘကာလး ပၑျတေဒံ တြာဏဒိနံ၊

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

tEnOktamEtat, saMzrOSyAmi zubhE kAlE tvadIyAM prArthanAm ahaM| upakAraM kariSyAmi paritrANadinE tava| pazyatAyaM zubhakAlaH pazyatEdaM trANadinaM|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

તેનોક્તમેતત્, સંશ્રોષ્યામિ શુભે કાલે ત્વદીયાં પ્રાર્થનામ્ અહં| ઉપકારં કરિષ્યામિ પરિત્રાણદિને તવ| પશ્યતાયં શુભકાલઃ પશ્યતેદં ત્રાણદિનં|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

tenoktametat, saMzroSyAmi zubhe kAle tvadIyAM prArthanAm ahaM| upakAraM kariSyAmi paritrANadine tava| pazyatAyaM zubhakAlaH pazyatedaM trANadinaM|

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



2 कुरिन्थियों 6:2
10 अन्तरसन्दर्भाः  

नासरतीययीशुर्यातीति लोकैरुक्ते स उच्चैर्वक्तुमारेभे,


परेशानुग्रहे कालं प्रचारयितुमेव च। सर्व्वैतत्करणार्थाय मामेव प्रहिणोति सः॥


किन्तु यावद् अद्यनामा समयो विद्यते तावद् युष्मन्मध्ये कोऽपि पापस्य वञ्चनया यत् कठोरीकृतो न भवेत् तदर्थं प्रतिदिनं परस्परम् उपदिशत।


अतो हेतोः पवित्रेणात्मना यद्वत् कथितं, तद्वत्, "अद्य यूयं कथां तस्य यदि संश्रोतुमिच्छथ।


इति हेतोः स पुनरद्यनामकं दिनं निरूप्य दीर्घकाले गतेऽपि पूर्व्वोक्तां वाचं दायूदा कथयति, यथा, "अद्य यूयं कथां तस्य यदि संश्रोतुमिच्छथ, तर्हि मा कुरुतेदानीं कठिनानि मनांसि वः।"