मैंकै अगर परमेसर की ओर सै बोलनै को बरदान मिलो है, और मैं परमेसर की सिगरी भेद की बातौं और गियान की बातौं कै समजौ हौं, और मैंकै जौ बिसवास है कै पहाड़ कै एक जघै सै दूसरी जघै मै खिस्का सकौं। पर मेरे दिल मै पियार ना है, तौ मैं कुछ बी ना हौं।
अब हम मूरतिऔं के सामने बलि करी भई खानै की चीजौ के बारे मै बात करंगे। हम जानै हैं कै हमकै इन बातौं को गियान है, पर गियान आदमी कै घमंडी बना देवै है, पर पियार सै आदमी की तरक्की होवै है।
उनकै इन बातौं की याद दिब्बातो रैहईए और परमेसर के सामने चितौनी देईए कै छोटी छोटी बातौं मै बैहैस बाजी कन्नै सै कोई फाएदा ना है, पर जो इनकै सुनै है, बे बी नास हो जावै हैं।