26 इसी तरीका सै आत्मा बी हमरी कमजोरी मै सायता करै है, कैसेकै हम ना जानै हैं कै हम कैसे पिराथना करैं। पर आत्मा खुदई हमरे ताँई कैंखते भए बिनती करै है, जो बात हम बोलई ना सकैं हैं।
कैसेकै बौ आत्मा जो तुमकै मिली है, फिर सै दास बनानै या डरानै के ताँई ना है, बलकन बौ आत्मा तुमकै परमेसर की गोद लेई भई औलाद बनाबै है। जिस्सै हम “हे अब्बा, हे पिता” कैह कै परमेसर कै बुलाबै हैं।
सच्ची मै हम जब तक जा दुनिया के घर यानी सरीर मै रैहंगे, तौ बोज की बजै सै कैंखते रैहंगे, कैसेकै हम अपने जा सरीर कै छोड़नै के ताँई ना सोचै हैं। पर जामै सुरग के सरीर कै पैहरनो चाँहै हैं, जिस्सै जौ नास होनै बारो सरीर जिन्दगी मै बदल जाय।