“मैं तुमसै सच-सच कैरओ हौं, जो मेरे बचन सुनकै मेरे भेजनै बारे मै बिसवास करै है, हमेसा की जिन्दगी बाकी है, और बाके ऊपर सजा को हुकम ना है, पर मौत सै पार होकै बौ जिन्दगी मै पौंच चुको है।
कैसेकै बे उस धारमिकता कै ना जानै हे जो परमेसर सै मिलै है मगर बे अपनी धारमिकता कै पक्को कन्नै मै लगे रैहबैं हैं, इसताँई उनौनै परमेसर की धारमिकता ना अपनाई।
और बाके संग पूरी तरै सै एक हो जांऔ; मेरी बा धारमिकता सै ना जो नियम कै माननै सै मिलै है, पर बा धारमिकता सै जो मसी मै बिसवास कन्नै सै मिलै है, जो परमेसर की ओर सै आवै है, जो बिसवास मै टिकी है।