तू दूसरौं के घर के दास के ऊपर दोस लगानै बारो कौन है? उसको पक्को बनो रैहनो या गिर जानो उसके मालिक केई ऊपर बात है। और बौ पक्को बनो रैहगो, कैसेकै परभु उसकै अपनी तागत सै खड़ो कर सकै है।
कैसेकै मैंकै पक्को बिसवास है कै ना मौत, ना जिन्दगी, ना सुरगदूत, ना राज कन्नै बारी आत्मा, ना इस टैम की चीज और ना आनै बारे टैम की कोई चीज, ना सकतिऔं,
परमेसर तुमकै अच्छे सै अच्छो बरदान देवै है, जिस्सै कै तुमरी सिगरी जरूरत पूरी हौं, और सिगरे अच्छे कामौ के ताँई तुमरे धौंरे जरूरत से बी जादा देओ गओ है।
इसताँई मैं जे दुख बी उठा रओ हौं, फिर बी मैं सरमाबौ ना हौं कैसेकै मैं जौ बात जानौ हौं कै मैंनै किस मै बिसवास करो है। मैंकै पक्को भरोसो है कै जो मैंकै चीज सौंपी हैं बाकी रखबारी बौ कर सकै है, जब तक कै बौ नियाय को दिन ना आय।
जिन चीजौ को बादो करो गओ हो, बौ इन सबई लोगौ कै ना मिलो। पर उनौनै उनकै दूर सैई देखो और उनको सुआगत करो और जौ मान लओ कै हम जा धरती मै परदेसी और अनजाने हैं, जे सिगरे लोग बिसवास करते भए मर गए।