उनौनै ईसु के धौंरे हेरोदिऔं के संग अपने चेला जौ सबाल पूँछनै भेजे, “गुरू! हम जानै हैं कै तू सच बोलै है और सच्चाई सै परमेसर के रस्ता की सिक्छा देवै है, और तू लोगौ की मौह देखी बात ना करै है।
उनौनै जाकै उस्सै जौ पूँछी कै, “हे गुरू, हम जानै हैं कै तू ठीक कैबै है, और सिकाबै बी है, और किसी को भेदभाब बी ना करै है, पर परमेसर की मरजी कै सच्चाई सै सिकाबै है।
मैंकै जा बात सै कोई मतलब ना है कै बे जानेमाने लोग हे, पैले का हे। मेरे ऊपर उनको कोई असर ना पड़ो है और नाई उन्नै मेरी अच्छी खबर मै कुछ और कैई। परमेसर किसी के संग बी भेदभाब ना करै है।
हे मालिकौं, तुम बी अपने सेवकौ के संग ऐंसोई बरताब करौ और उनकै डरानो धमकानो छोड़ दो। कैसेकै तुम जौ जानौ हौ कै तुमरो और उनको एकई मालिक है, जो सुरग मै है और बौ किसी के संग भेदभाब ना करै है।
और अगर तुम, हर एक के करमौ के हिसाब सै बिना भेदभाब के नियाय कन्नै बारे परमेसर कै, हे अब्बा, कैह कै बुलाबौ हौ, तौ तुमकै अपनी जिन्दगी परदेसी के हाँई डरते भए काटनी चँईऐ।