फिर बौ थोड़ो अग्गे बढ़ो और मौह के बल गिरो, और जौ पिराथना करल लगो कै, “हे मेरे अब्बा, अगर हो सकै तौ, जौ दुख को कटोरा मैंसै टल जाय, तौबी जैसो मैं चाँहौ हौं बैसो ना, पर जैसो तू चाँहै है बैसोई हो।”
अगर मैं उनके बीच मै बे काम ना करतो, जो किसी और नै ना करे, तौ बे पाप के दोसी ना होते, पर अब तौ उनौनै देखे हैं। फिर बी बे मैंसै और मेरे अब्बा दौनौ सै नफरत करैं हैं।
मैं खुद अपनी ओर सै कुछ ना कर सकौ हौं। जैसो परमेसर की ओर सै मैं सुनौ हौं, बैसोई नियाय करौं हौं और मेरो नियाय सच्चो है, कैसेकै मैं अपनी ना, पर अपने भेजनै बारे की इच्छा चाँहबौ हौं।