5 इसताँई अधकारिऔं के नीचे रैहनो जरूरी है, सजा के बजै सै ना बलकन अपने मन की अबाज सै बी आधीन रैहनो जरूरी है।
इसताँई मैं बी परमेसर और आदमी के सामने अपनी भीतर की आत्मा कै सुद्द रखनै की कोसिस करौ हौं।
इसताँई तौ तुम लोग लगान बी चुकाबौ हौ कैसेकै अधकारी परमेसर के सेवक हैं, और बे हमेसा इनई कामौ मै लगे रैहबैं हैं।
हमरे ताँई पिराथना करते रौह, कैसेकै हमकै पक्को बिसवास है कै हमरो मन बिलकुल साप है और हम सिगरी बातौं मै अच्छे चाल-चलन सै जिन्दगी बितानो चाँहै हैं।
कैसेकै अगर कोई परमेसर मै बिसवास कन्नै की बजै सै, बेमतलब को दुख उठा रओ है, तौ जौ बाके ताँई बड़ाई की बात है।
अपनो मन साप रक्खौ कै जो लोग मसी मै तुमरे अच्छे चाल-चलन की बजै सै तुमरी बदनामी करै हैं और बुरो बरताब करै हैं, उनकी खोपड़ी सरम सै झुक जाय।