“अब मैं इस दुनिया मै ना रैहंगो। पर बे तौ इस दुनिया मै हैं और मैं तेरे धौंरे आबौ हौं। हे पबित्तर अब्बा, अपनो बौ नाम जो तैनै मैंकै दओ है इनकी रक्छा कर कै जैसे हम एक हैं, बे बी एक हो सकैं।
इस बखत तुमरे ताँई मैं जो बी मुसीबत उठा रओ हौं, बाके बजै सै मैं खुस हौं। मसी को सरीर मतलब बिसवासिऔ की मंडली के ताँई मसी के दुख उठानै की जो बी कसर मेरी रैह गई है, बौ मैं अपने सरीर मै लेकै पूरी करौ हौं।
और बे खुद कै मसी के आधीन रखनो ना चाँहै हैं, जो मुखिया हैं। मसी बौ अंग है जो सरीर कै सकति देवै और जोड़ौ कै और नसौ कै बिनकै अग्गे बढ़ाबै है और जौ सबई कुछ परमेसर की सकति सै होवै है।