कैसेकै मैं उस किरपा के दुआरा जो मैंकै देओ गओ है, तुम्मै सै हर एक कै कैबौ हौं, कै जैसो समजनो चँईऐ, उस सै जादा कोई बी अपने आपकै ना समजै, पर परमेसर नै हर एक कै जितनो जितनो बिसवास दओ है, बैसेई सोच समजनै के बाद अपने आपकै समजै।
पर मैं जो कुछ बी हौं, बौ परमेसर की किरपा सै हौं। बाकी किरपा जो मेरे ऊपर भई, बौ बेकार ना गई। पर मैंनै सबई सै जादा मैहनत करी, तौबी जौ मेरी ओर सै ना पर परमेसर की किरपा सै भओ, जो मेरे ऊपर ही।