17 कैसेकै अच्छी खबर जौ बताबै है कै परमेसर के संग आदमी को सई रिस्ता कैसे बनै है। जौ रिस्ता सुरू सै लेकै आखरी तक बिसवास मै टिको है, जैसो लिखो है, “धरमी आदमी बिसवास सै जिन्दो रैहगो।”
जो लौंड़ा मै बिसवास करै है, हमेसा की जिन्दगी बाई की है, पर बौ जो लौंड़ा की ना मानै है बाकै जिन्दगी ना मिलैगी, और परमेसर को घुस्सा बाके ऊपर बनो रैहगो।
कैसेकै बे उस धारमिकता कै ना जानै हे जो परमेसर सै मिलै है मगर बे अपनी धारमिकता कै पक्को कन्नै मै लगे रैहबैं हैं, इसताँई उनौनै परमेसर की धारमिकता ना अपनाई।
पर जौ बात साप है कै कोई बी आदमी नियम के दुआरा परमेसर के सामने धरमी ना ठैर सकै है, कैसेकै पबित्तर सास्तर मै ऐंसो लिखो है कै, “धरमी आदमी बिसवास सै जिन्दो रैहगो।”
और बाके संग पूरी तरै सै एक हो जांऔ; मेरी बा धारमिकता सै ना जो नियम कै माननै सै मिलै है, पर बा धारमिकता सै जो मसी मै बिसवास कन्नै सै मिलै है, जो परमेसर की ओर सै आवै है, जो बिसवास मै टिकी है।