तब परभु के सुरगदूत नै जबाब देते भए उस्सै कैई, “मैं जिबराईल हौं। मैं बौ हौं जो परमेसर के सामने खड़ो रैहबौं हौं। मैंकै तेसै बात कन्नै और जा अच्छी खबर कै बतानै के ताँई भेजो गओ है।
इसताँई जगते रैहऔ और हर टैम पिराथना करते रैहऔ, जिस्सै तुम इन सब आनै बारे संकटौ सै बचनै और भरोसे के संग आदमी के लौंड़ा के सामने खड़े होनै के लायक बन जाऔ।”
कैसेकै परभु खुद सुरग सै उतरैगो। बा बखत परभु ऊँची अबाज सै आगियाँ देगो। बड़ो सुरगदूत और परमेसर की तुरही की अबाज सुनाई पड़ैगी। और जो मसी मै मरे हैं, बे पैलेई जिन्दे हो जांगे।
यहून्ना की ओर सै एसिया की उन सात बिसवासिऔ की मंडलिऔ के ताँई लिखौ हौं। उस परमेसर की ओर सै जो है और जो हो और जो आनै बारो है, और उन सात आत्माऔ की ओर सै जो बाके सिंगासन के सामने हैं; तुमकै किरपा और सान्ति मिलती रैह।
जब सातमे दूत नै तुरही बजाई तौ सुरग मै तरै-तरै की अबाज जोर सै सुनाई देल लगीं कै, “दुनिया को राज हमरे परभु और उसके मसी को राज बन गओ है और बौ हमेसा राज करैगो।”
फिर मैंनै सुरग मै एक और महान और अदभुत चिन्न देखो। मैंनै देखो कै सात सुरगदूत आखरी सात मुसीबतौं कै लेए भए हे। कैसेकै इनके हो जाने के बाद परमेसर को घुस्सा खतम हो जावै हो।
जब मैंनै फिर देखो, तौ आसमान के बीच मै उड़नै बारे एक उकाब कै जौ कैते सुनो कै, “उन तीन सुरगदूतौं की तुरही की अबाज के कारन सै, जिनको बजानो अबी बाकी है, धरती के रैहनै बारौ मै हाय, हाय, हाय।”