बे जौ नओ गीत गाल लगे, “तू इस किताब कै लैनै और इसकी मौहर खोलनै के लायक है, कैसेकै तैनै बलि होकै अपने खून सै हर एक गोत और भासा और लोग और जाति मै सै परमेसर के ताँई लोग मोल लए हैं।
जब उसनै तीसरी मौहर खोली, तौ मैंनै तीसरे पिरानी कै जौ कैते भए सुनो, “आ” और जब मैंनै नजर करी तब एक कारो घोड़ा देखो, उसके ऊपर बैठे भए के हात मै एक तराजू ही,