पर उनमै भीतर तक जड़ ना है और बे थोड़ेई दिनौ के ताँई रैहबै हैं, और इसके बाद परमेसर के बचन के कारन उनके ऊपर मुसीबत आवै हैं और उनकै सताओ जावै है, तौ बे तुरन्त अपनो बिसवास खो बैठै हैं।
पर उनमै भीतर तक जड़ ना है और बे थोड़ेई दिनौ के ताँई रैहबैं हैं, और इसके बाद परमेसर के बचन के कारन उनके ऊपर मुसीबत आवै है और उनकै सताओ जावै है, तौ बे तुरन्त अपनो बिसवास खो बैठै हैं।
पर जो कोई उस जल मै सै पियैगो जो मैं बाकै देंगो, बौ फिर जिन्दगी भर कबी पियासो ना होगो, पर जो जल मैं बाकै देंगो, बौ बामै एक सोता बन जागो, जो हमेसा की जिन्दगी के ताँई उमड़तो रैहगो।”
कैसेकै जब सूरज लिकरै है तौ चटक्को घाम आवै है, तौ बौ घाँस कै सुका देवै है और बाको फूल झड़ जावै है और बाकी चमक खतम होती जावै है; बैसेई सेट आदमी बी अपने कामकाज कै करतो करतो मट्टी मै मिल जागो।