7 पैलो पिरानी सेर जैसो है, दूसरो पिरानी बैल के जैसो है, तीसरो पिरानी को मौह आदमी के हाँई है, और चौथे पिरानी उड़ते भए उकाब के जैसो है।
अरे भईयौ और बहनौ, तुम समज मै छोटे बालक ना बनौ, पर बुराई मै छोटे नादान बालक के हाँई बने रौह, और सोच-समज मै सिआने बनौ।
और उस सिंगासन के सामने मानौ बिल्लौर के जैसे काँच को समन्दर है, सिंगासन के बीच मै और चारौ लंग चार पिरानी हैं, जिनके अग्गे पिच्छे आँखई आँख हैं।
जब उसनै दूसरी मौहर खोली, तौ मैंनै दूसरो पिरानी कै जौ कैते भए सुनो, “आ”
जब उसनै तीसरी मौहर खोली, तौ मैंनै तीसरे पिरानी कै जौ कैते भए सुनो, “आ” और जब मैंनै नजर करी तब एक कारो घोड़ा देखो, उसके ऊपर बैठे भए के हात मै एक तराजू ही,
जब उसनै चौथी मौहर खोली, तौ मैंनै चौथे पिरानी की अबाज जौ कैते भए सुनी, “आ”