“हे भईयौ, तुम जौ ऐंसो काए कर रए हौ? हम बी तुमरेई हाँई आदमी हैं। हम तौ तुमकै अच्छी खबर सुनानै के ताँई आए हैं कै तुम इन बेकार की चीजौ कै छोड़कै जिन्दे परमेसर की ओर आऔ, जिसनै सुरग और धरती और समन्दर और जो कुछ उसमै है सिगरो बनाओ है।
और जो हमेसा जिन्दो रैहबै है, और जिसनै सुरग कै और जो कुछ उसमै है, धरती कै और जो कुछ उसमै है, और समन्दर कै और जो कुछ उसमै है, बनाओ और उसकी कसम खाकै कैई, “अब तौ और देर ना होगी।
और उसनै ऊँची अबाज मै कैई, “परमेसर सै डरौ और उसकी बड़ाई करौ कैसेकै उसको नियाय कन्नै को टैम आ गओ है। उसके सामने घूंटे टेकौ, जिसनै सुरग और धरती, समन्दर, पानी के सोत बनाए हैं।”
बे जौ नओ गीत गाल लगे, “तू इस किताब कै लैनै और इसकी मौहर खोलनै के लायक है, कैसेकै तैनै बलि होकै अपने खून सै हर एक गोत और भासा और लोग और जाति मै सै परमेसर के ताँई लोग मोल लए हैं।