“जो कुछ तू देखै है बाकै किताब मै लिखकै और बाकै इफिसुस, इसमुरना, पिरगमुन, थूआतीरा, सरदीस, फिलादेलफिया और लौदीकिया, इन सातौं जघै की बिसवासिऔ की मंडलिऔ कै भेज दे।”
“देखौ! मैं चोर के हाँई आ रओ हौं। धन्न है बौ, जो जगतो और अपने लत्तौ कै अपने संग रक्खै है, ताकि बौ नंगो ना फिरै और लोगौ के सामने उसकै सरमिन्दा ना होनो पड़ै।”
मैं हर एक कै जो जा किताब की भबिसबानी की बातौं कै सुनै है, मैं उन सबई कै जौ चितौनी देवौ हौं, अगर कोई इनमै कुछ जोड़ैगो, तौ परमेसर उन मुसीबतौं कै जो जा किताब मै लिखी हैं, बढ़ागो।
और अगर कोई इस भबिसबानी की किताब की लिखी भई बातौं मै सै कुछ हटागो, तौ परमेसर जिन्दगी के पेड़ और पबित्तर सैहर मै सै जिसको जिकर इस किताब मै है, उसको हिस्सा छीन लेगो।
इसताँई याद कर, कै तैनै कैसी सिक्छा पाई ही और सुनी ही, और उनमै बनो रैह और मन फिरा। अगर तू जगो ना रैहगो तौ मैं चोर के हाँई आ जांगो और तू जान ना सकैगो कै मैं किस घड़ी तेरे धौंरे आ गओ।