“जिसके कान हौं बौ सुन ले कै आत्मा बिसवासिऔ की मंडलिऔ सै का कैबै है। जो जै पाऐ, मैं बाकै उस जिन्दगी के पेड़ मै सै फल खानै कै दंगो जो परमेसर के बगीचा मै है।
और उसके चारौ लंग एक बड़ी और ऊँची दिबाल ही, जिसमै बारैह मौहड़े और हर एक मौहड़े के सामने एक सुरगदूत खड़ो हो। मौहड़ेऔ मै ईसराइलिऔ के बारैह गोतौं के नाम लिखे हे।
और कोई बी असुद्द चीज, बुरे काम कन्नै बारे, झूँट बोलनै बारे, किसी बी तरीका सै भीतर ना जा सकै हैं, पर बेई जा सकै हैं जिनके नाम मैमना के जिन्दगी की किताब मै लिखे हैं।
और सैहर की सड़कौं के बीच सै बैहती भई नद्दी के किनार, दौनौ लंग जिन्दगी के पेड़ हे, उसमै बारैह बार फल लगै हे, और बौ हर महीना फलावै हो, और उस पेड़ के पत्तौ सै जाति-जाति के लोगौ को इलाज होवै हो।
मैंनै उस्सै कैई, “हे परभु, तूई जानै है।” उसनै मैंसै कैई, “जे बे हैं, जो उस बड़ी मुसीबत मै सै लिकरकै आँए हैं, इनौनै अपने अपने लत्ता मैमना के खून मै धोकै सपेद करे हैं।