25 और दिन मै उसके मौहड़े कबी बन्द ना हौंगे, और रात तौ कबी होगीई ना।
और उसके चारौ लंग एक बड़ी और ऊँची दिबाल ही, जिसमै बारैह मौहड़े और हर एक मौहड़े के सामने एक सुरगदूत खड़ो हो। मौहड़ेऔ मै ईसराइलिऔ के बारैह गोतौं के नाम लिखे हे।
और जो सुरगदूत मैंसै बात कर रओ हो, उसके धौंरे सैहर, उसके मौहड़े और उसकी दिबाल नापनै के ताँई एक सौने की लठिया ही।
उस सैहर कै किसी सूरज और चाँद के उज्जेरो की जरूरत ना ही, कैसेकै परमेसर की महिमा उसकी जोती और मैमना उसको दिया है।
बहाँ फिर कबी रात ना होगी, उनकै दिया या सूरज के उज्जेरे की जरूरत ना होगी, कैसेकै परभु परमेसर अपनो उज्जेरो उनकै देगो, और बे हमेसा के ताँई राज करंगे।