20 पाँचमी गोमेद सै, छटमी मानिक, सातमी पीतमड़ी, आठमी पेरोज, नौमी पुखराज, दसमी लैहसनिया, ग्यारमी धूरमकांत और बारमी चन्दरकाँत मड़ि सै बनी हीं।
“फिर बानै बारैह बजे और तीन बजे के टैम लिकरकै बैसोई करो।
जो उसमै बैठो है, बौ यसब और मानिक जैसो कीमती पत्थर हाँई दिखाई पड़ै है और उस सिंगासन के चारौ लंग मरकत पत्थर जैसो एक धनकमान चमक रओ हो।