“जिसके कान हौं बौ सुन ले आत्मा बिसवासिऔ की मंडलिऔ सै का कैबै है। “जो जै पाय, उसकै मैं गुप्त मन्ना मै सै दंगो और उसकै एक सपेद पत्थर बी दंगो और उस पत्थर मै एक नओ नाम लिखो भओ होगो, जिसकै बाके लैनै बारे के अलाबा और कोई ना जानैगो।
“जिसके कान हौं बौ सुन ले कै आत्मा बिसवासिऔ की मंडलिऔ सै का कैबै है। जो जै पाऐ, मैं बाकै उस जिन्दगी के पेड़ मै सै फल खानै कै दंगो जो परमेसर के बगीचा मै है।
बौ धन्न और पबित्तर है जो पैले जी उठनै मै सामिल हो रओ है। इन आदमिऔ मै दूसरी मौत को कोई अधकार ना मिलैगो। बलकन बे तौ परमेसर और मसी के अपने पुजारी हौंगे और उसके संग एक हजार बरस तक राज करंगे।
मगर डरपौकौ, अबिसवासिऔं, बुरे लोगौ, खूनी, बैबिचारिऔ, जादू कन्नै बारे और मूरती पूजा कन्नै बारे और सबई झूँट बोलनै बारौं को हिस्सा उस झील मै मिलैगो, जिसमै आग और गन्धक पजरती रैहबै है। जौ दूसरी मौत है।”
जो जीत जागो, उसकै मैं अपने परमेसर के मन्दर मै एक खम्मा बनांगो। और बौ फिर कबी बाहार ना लिकरैगो। मैं अपने परमेसर को नाम और अपने परमेसर के सैहर को नाम बाके ऊपर लिखंगो यानी नए ऐरूसलेम को नाम जो मेरे परमेसर के धौंरे सै सुरग सै उतरनै बारो है, और मैं अपनो नओ नाम बी बाके ऊपर लिखंगो।
जो जीत जागो उसकै इसई हाँई सपेद लत्ता पैहराए जांगे और मैं उसको नाम जिन्दगी की किताब मै सै ना मिटांगो, पर बाको नाम अपने अब्बा और उसके सुरगदूतौं के सामने मान लंगो।