जिस तरै सदोम, अमोरा और बाके अड़ोस-पड़ोस के इलाके के लोग जो बैबिचार करल लगे हे और हर तरै की सरीर की बुरी इच्छा मै पड़े। तबई परमेसर नै इन इलाकेऔ कै कबी ना बुतनै बारी आग मै जरानै की सजा दई, और हमरे ताँई जौ एक उदाहरन है।
और उनके दरद को धुआँ हमेसा ऊपर उठतो रैहगो, और जो उस जनाबर और उसकी मूरती की पूजा करतो होगो, या उसको निसान अपने ऊपर लगागो उनकै रात-दिन कबी चैन ना मिलैगो।”