फिर मैंनै देखो कै मेरे सामने सिओन पहाड़ मै बौ मैमना खड़ो है। उसके संग एक लाख चबालीस हजार आदमी हैं, जिनके माथेऔ मै उसको नाम और उसके अब्बा को नाम लिखो हो।
फिर मैंनै सुरग कै खुलतो भओ देखो और बहाँ मेरे सामने एक सपेद घोड़ा हो। और जो घोड़ा मै बैठौ है बौ बिसवासजोग, और सच कैलाबै है। बौ सच्चाई के संग नियाय और लड़ाई करै है।
इसके बाद मैंनै नजर करी, और देखो, कै हर एक गोत, जाति, और हर एक भासा के लोगौ की एक ऐंसी भीड़ ही जिसकै कोई गिन ना सकै हो, बे सपेद लत्ता पैहरे भए और अपने हातौ मै खजूर के डुग्गे लेए भए सिंगासन और मैमना के सामने खड़े हे।