“मेरे अब्बा नै मैंकै सब कुछ सौंपो है, अब्बा कै छोड़कै कोई बी लौंड़ा कै ना जानै है, इसई हाँई अब्बा कै कोई बी ना जानै है, सिरप लौंड़ा जानै है और बौई, जिसके ऊपर लौंड़ा उसकै परकट कन्नो चाँहै है।
“मेरे अब्बा नै मैंकै सब कुछ सौंप दओ है। अब्बा कै छोड़कै जौ कोई बी ना जानै है कै लौंड़ा कौन है और लौंड़ा कै छोड़कै जौ कोई बी ना जानै है कै अब्बा कौन है। सिरप बौई जानै है, जिसके ऊपर लौंड़ा नै, अब्बा कै जान्नै की किरपा करी है।”
“अब मैं इस दुनिया मै ना रैहंगो। पर बे तौ इस दुनिया मै हैं और मैं तेरे धौंरे आबौ हौं। हे पबित्तर अब्बा, अपनो बौ नाम जो तैनै मैंकै दओ है इनकी रक्छा कर कै जैसे हम एक हैं, बे बी एक हो सकैं।
जब मैं उनके संग हो, तौ मैंनै तेरे बा नाम सै जो तैनै मैंकै दओ उनकै बचाकै रक्खो और रक्छा करी है, बामै सै कोई नास ना होओ, सिरप बाई को जिसको नास होनो पक्को हो। इसताँई कै पबित्तर सास्तर की बात पूरी हो।
पर हम बा ईसु कै देखै हैं जिसकै कुछ घड़ी के ताँई सुरगदूतौं सै नीचे कर दओ हो, जिस्सै कै बौ परमेसर की दया सै सबई जनी के ताँई मौत कै महसूस करै। बाके मरनै को दुख झेलनै की बजै सै बड़ाई और इज्जत को मुकट पैहरे भए देखै हैं।
तब मैंनै एक जनाबर कै समन्दर सै बाहार लिकरते देखो, उसके दस सींग और सात खोपड़ी हीं। उसके सींगौ मै दस मुकट हे और उसके खोपड़ी मै परमेसर की बुराई कन्नै बारे नाम लिखे हे।
जो जीत जागो, उसकै मैं अपने परमेसर के मन्दर मै एक खम्मा बनांगो। और बौ फिर कबी बाहार ना लिकरैगो। मैं अपने परमेसर को नाम और अपने परमेसर के सैहर को नाम बाके ऊपर लिखंगो यानी नए ऐरूसलेम को नाम जो मेरे परमेसर के धौंरे सै सुरग सै उतरनै बारो है, और मैं अपनो नओ नाम बी बाके ऊपर लिखंगो।