17 कैसेकै परमेसर नै उनके मन मै जौ बात डारी है कै, बे उसकी इच्छा पूरी करैं, और जब तक परमेसर के बचन पूरे ना होवै हैं, तब तक राज कन्नै को अपनो अधकार उस जनाबर कै दे दंगे।
कैसेकै मैं तुमसै कैरओ हौं कै, पबित्तर सास्तर मै लिखी भई बात, मैं मै जरूर पूरी हौंगी, ‘कै उसकी गिनती कुकरमिऔ मै भई,’ और जो कुछ मेरे बारे मै लिखो गओ है, बौ पूरो होनै मै है।”
“मैं तुम सबई के बारे मै ना कैबौ हौं। मैं उनकै जानौ हौं जो मैंनै चुन लए हैं, पर जौ इसताँई है, कै पबित्तर सास्तर को जौ बचन पूरो भओ कै ‘बौ जो मेरी रोटी खावै है, बौई मेरे बिरोद मै हो गओ।’
इसताँई उनौनै एक दूसरे सै कैई, “हम जाकै ना फाड़ै, पर जाके ताँई, परची डारै हैं कै जौ किसको होगो,” जिस्सै कै पबित्तर सास्तर की बात पूरी हो “उनौनै मेरे लत्ता आपस मै बाँट लए, और मेरे लत्ता के ताँई परची डारीं” और सिपाईऔं नै ऐंसोई करो।
फिर मैंनै सुरग मै एक और महान और अदभुत चिन्न देखो। मैंनै देखो कै सात सुरगदूत आखरी सात मुसीबतौं कै लेए भए हे। कैसेकै इनके हो जाने के बाद परमेसर को घुस्सा खतम हो जावै हो।
उनमै सै हर एक कै सपेद लत्ता देए गए, और उनसै कैई गई कै, और थोड़ी देर तक आराम करौ, जब तक कै तुमरे संगी दास और भईया जो तुमरे जैसे बलि होनै बारे हैं, उनकी बी गिनती पूरी ना हो ले।