सिरप इतनो करौ कै तुमरो चाल-चलन मसी की अच्छी खबर के लायक हो जाऐ कै चाँहे मैं आकै तुमकै देखौं या ना बी आऔं, पर मैं तुमरे बारे मै बस जौई सुनौं कै तुम सब एक आत्मा मै टिक जाऔ और एक मन हो कै, एक संग मिलकै अच्छी खबर के बिसवास के ताँई मैहनत करते रैहऔ।
कैसेकै परमेसर नै उनके मन मै जौ बात डारी है कै, बे उसकी इच्छा पूरी करैं, और जब तक परमेसर के बचन पूरे ना होवै हैं, तब तक राज कन्नै को अपनो अधकार उस जनाबर कै दे दंगे।