तब मैंनै एक जनाबर कै समन्दर सै बाहार लिकरते देखो, उसके दस सींग और सात खोपड़ी हीं। उसके सींगौ मै दस मुकट हे और उसके खोपड़ी मै परमेसर की बुराई कन्नै बारे नाम लिखे हे।
और बस घड़ी भर मैई जौ सब धन-दौलत नास हो गई।” और हर एक जिहाज कै चलानै बारो, और जिहाज मै बैठनै बारे आदमी, जिहाज मै काम कन्नै बारे और बे सब लोग बी जो समन्दर सै अपनी रोजी-रोटी कमाबै हैं, बे उस सैहर सै दूरई खड़े रैहए।
और बे अपनी खोपड़ी मै धूदर डारते, रोते और दुखी होते भए ऊँची अबाज सै कैललगे हे, “हाय! हाय! इस सैहर की धन-दौलत सै जिहाज के सब मालिक सेट बन गए, और जौ एक घड़ी भर मैई नास हो गओ।”