9 और आदमी भयानक गरमी सै जरल लगे, उनौनै परमेसर के नाम कै कोसो जिसको इन मुसीबतौं मै अधकार है। पर उनौनै गलत कामौ कै कन्नो ना छोड़ो और नाई परमेसर की महिमा करी।
मैंकै जा बात को डर है कै जब मैं फिर तुमरे धौंरे बापस आंगो तौ कहीं मेरो परमेसर तुमरे सामने मेरी बेजती करै और मैंकै उन लोगौ मै सै जिन्नै पैले भौत पाप करो हो और उनके गंदे काम, कुकरम, लुचपन बारी जिन्दगी सै मन ना फिरानै की बजै सै मैंकै रोनो पड़ै।
और उसनै ऊँची अबाज मै कैई, “परमेसर सै डरौ और उसकी बड़ाई करौ कैसेकै उसको नियाय कन्नै को टैम आ गओ है। उसके सामने घूंटे टेकौ, जिसनै सुरग और धरती, समन्दर, पानी के सोत बनाए हैं।”
और बाकी बचे आदमिऔ नै, जो उन महाबिनासौ सै मारे ना गए हे, उनौनै अपने बुरे कामौ सै मन ना फिराओ, पर दुसट आत्मा की और सौने, चाँदी, पीतर, पत्थर और लकड़ी की उन मूरतिऔं की पूजा कन्नी ना छोड़ी, जो ना देख सकै हैं, ना सुन सकै हैं और नाई चल सकै हैं।