फिर ईसु नै कैई, “उन दिनौ सूरज, चाँद और तारौं मै चमत्कारी चिन्न दिखाई दंगे और धरती मै जाति-जाति के सब लोगौं मै मुसीबत आंगी और बे समन्दर के गरजनै और उथल पुथल सै घबरा जांगे।
तबई बेदी सै एक और सुरगदूत लिकरो उसको आग मै अधकार हो। उसनै जिसके धौंरे पैनो दरांत हो उस्सै ऊँची अबाज मै कैई, “अपनो पैनो दरांत लाकै धरती के अंगूर की बेल सै अंगूर के गुच्छा काट ले, कैसेकै उसके अंगूर पक चुके हैं।”
चौथे सुरगदूत नै तुरही बजाई, तौ सूरज को एक तिहाई भाग, चाँद को एक तिहाई भाग और तारौं के एक तिहाई भाग मै मुसीबत आई जिस्सै उनके एक तिहाई भाग मै इन्धेरो हो गओ, इसताँई दिन और रात मै बी एक तिहाई भाग मै इन्धेरो हो गओ।