तौ बौ परमेसर के कोप को रस पियैगो जो उसके घुस्सा के कटोरा मै डारो गओ है, और पबित्तर सुरगदूतौं के सामने और मैमना के सामने उसकै आग और गन्धक मै दरद देओ जागो।
तबई बेदी सै एक और सुरगदूत लिकरो उसको आग मै अधकार हो। उसनै जिसके धौंरे पैनो दरांत हो उस्सै ऊँची अबाज मै कैई, “अपनो पैनो दरांत लाकै धरती के अंगूर की बेल सै अंगूर के गुच्छा काट ले, कैसेकै उसके अंगूर पक चुके हैं।”
कैसेकै उसको फैसला सच्चो और ठीक है, इसताँई कै उसनै उस बड़ी रन्डी कै जो अपने बैबिचार के कामौ सै धरती कै खराब कर रई ही, नियाय करो है, और उस्सै अपने दासौं के खून को बदलो लओ है।”