और तब सुरग मै परमेसर को मन्दर खुल गओ और उस मन्दर मै बाचा को सन्दूक दिखाई दओ, और फिर बिजली को चमकनो, बादर को गरजनो, गड़गड़ाहट की अबाज, हालोचालो भओ और बड़े-बड़े ओरे पड़े।
और आदमी भयानक गरमी सै जरल लगे, उनौनै परमेसर के नाम कै कोसो जिसको इन मुसीबतौं मै अधकार है। पर उनौनै गलत कामौ कै कन्नो ना छोड़ो और नाई परमेसर की महिमा करी।
पैले सुरगदूत नै तुरही बजाई, और खून मै सने भए ओरे और आग पैदा भई और धरती मै गिर पड़ी, जिस्सै एक तिहाई हिस्सा जमीन को जरकै भसम हो गओ, एक तिहाई पेड़ जर गए और सैरी हरी घाँस जरकै भसम हो गई।