8 और परमेसर की बड़ाई और उसकी सकति सै मन्दर धुआँ सै भर गओ और जब तक उन सातौं सुरगदूतौं की सातौं मुसीबत खतम ना भंई, तब तक कोई मन्दर मै ना जा सकै हो।
परमेसर की दौलत, बुद्धि और गियान कितने गैहरे हैं, उसके नियाय कन्नै को तरीका समज सै परे है, और बाके रस्तौं कै कौन समज सकै है?
बे परभु के सामने सै और बाकी सकति की महिमा सै दूर होते भए हमेसा की नास होनै की सजा पांगे।
फिर मैंनै सुरग मै एक और महान और अदभुत चिन्न देखो। मैंनै देखो कै सात सुरगदूत आखरी सात मुसीबतौं कै लेए भए हे। कैसेकै इनके हो जाने के बाद परमेसर को घुस्सा खतम हो जावै हो।
परमेसर की महिमा उसमै ही, और उसकी जोती भौतई कीमती पत्थर के जैसे यानी यसब हीरा के हाँई साप दिखाई दे रई ही।