1 फिर मैंनै सुरग मै एक और महान और अदभुत चिन्न देखो। मैंनै देखो कै सात सुरगदूत आखरी सात मुसीबतौं कै लेए भए हे। कैसेकै इनके हो जाने के बाद परमेसर को घुस्सा खतम हो जावै हो।
तौ बौ परमेसर के कोप को रस पियैगो जो उसके घुस्सा के कटोरा मै डारो गओ है, और पबित्तर सुरगदूतौं के सामने और मैमना के सामने उसकै आग और गन्धक मै दरद देओ जागो।
और जिन सात सुरगदूतौं के धौंरे बे सात कटोरा हे, उन सुरगदूतौं मै सै एक नै धौंरे आकै मैंसै कैई कै इतै आ मैं तेकै उस बड़ी रन्डी की सजा दिखाऔ, जो भौत सी नद्दिऔं मै बैठी है।
और जाति-जाति कै मारनै के ताँई उसके मौह सै एक पैनी तरवार लिकरैगी, और बौ लोहो को डन्डा लेए भए उनके ऊपर राज करैगो। और बौ सरब सकतिमान परमेसर के भयानक घुस्सा के कुन्ड मै बौ अंगूर को रस नचोड़ैगो।
जिन सात सुरगदूतौं के धौंरे आखरी सात मुसीबत सै भरे भए सात कटोरा हे, उनमै सै एक मेरे धौंरे आओ, और कैललगो, “इतै आ, मैं तेकै दुलहैन यानी मैमना की बईयर दिखांगो।”
जब मैंनै फिर देखो, तौ आसमान के बीच मै उड़नै बारे एक उकाब कै जौ कैते सुनो कै, “उन तीन सुरगदूतौं की तुरही की अबाज के कारन सै, जिनको बजानो अबी बाकी है, धरती के रैहनै बारौ मै हाय, हाय, हाय।”
और बाकी बचे आदमिऔ नै, जो उन महाबिनासौ सै मारे ना गए हे, उनौनै अपने बुरे कामौ सै मन ना फिराओ, पर दुसट आत्मा की और सौने, चाँदी, पीतर, पत्थर और लकड़ी की उन मूरतिऔं की पूजा कन्नी ना छोड़ी, जो ना देख सकै हैं, ना सुन सकै हैं और नाई चल सकै हैं।