कैसेकै पबित्तर सास्तर मै लिखो है कै, “हे बाँज तू खुसी मना, तैनै किसी कै पैदा ना करो, तेकै बालक जननै को दरद ना भओ, तू खूब हस कै खुसी मना। कैसेकै छोड़ी भई बईयर की औलाद, सुहागन की औलाद सै बी जादा हैं।” कैसेकै बा छोड़ी भई बईयर को लोग बाकै फिर सै अपनागो।