फिर मैंनै एक दूसरे सकतिसाली सुरगदूत कै बादर ओढ़े भए आसमान सै उतरते देखो, उसकी खोपड़ी मै धनकमान हो बाको मौह सूरज के जैसे और बाके पाँऐ आग के खम्मा के जैसे हे।
और मैंकै सुरग सै एक ऐंसी अबाज सुनाई दई, जैसे तेजी सै बड़ी नद्दिऔं मै बैहतो पानी और बादरौं के गरजनै के जैसी अबाज ही, और जो अबाज मैंनै सुनी बौ ऐंसी ही, जैसे भौत बींड़ा बजानै बारे बींड़ा बजा रए हौं।
फिर मैंनै एक बड़ी भीड़ की अबाज जो, समन्दर की लहरौं और गरजते भए बादरौं जैसी तेज अबाज कै जौ कैते भए सुनो, “परमेसर के नाम की जै जैकार हो! कैसेकै हमरे परभु परमेसर सरब सकतिमान को राज है।
“थूआतीरा के बिसवासिऔ की मंडली के सुरगदूत कै जौ लिख, “परमेसर को लौंड़ा जिसकी आँख धदकती भई आग के हाँई, और जिसके पाँऐ चमकते भए पीतर के हाँई हैं, बौ जौ कैबै है कै,