ईसु नै उनसै कैई, “तुम्मै बिसवास की कमी है। मैं तुमसै सच कैरओ हौं, अगर तुमरो बिसवास राई के दाने के बराबर बी है, तौ तुम इस पहाड़ सै जौ कैऔ, हिंया सै हट कै बहाँ जा, तौ बौ हट जागो, और तुमरे ताँई कुछ बी मुसकल ना होगो।”
मैं तुम लोगौ सै सच कैए रओ हौं कै जो कोई इस पहाड़ सै कैए, कै तू उखड़ जा, और समन्दर मै जा गिर, और मन मै सक ना करै, पर जौ बिसवास करै कै मैं जौ कैरओ हौं पूरो होगो, तौ उसके ताँई बैसोई हो जागो।
बगैर बिसवास के परमेसर कै खुस कन्नो नामुमकिन है। कैसेकै जो परमेसर के धौंरे आवै है बाके ताँई जौ बिसवास कन्नो जरूरी है, कै परमेसर है और जो बाकै ढूंड़ै है उनकै बौ ईनाम देवै है।