4 उसके चेलौ नै ईसु कै जबाब दओ, “कै हिंया सुनसान जघै मै इन लोगौ कै खबानै के ताँई कहाँ सै रोटी लाऐं?”
चेलौ नै बासै कैई, “इस सुनसान जघै मै कहाँ सै इत्ती रोटी मिलंगी, कै हम इत्ती बड़ी भीड़ कै खबा सकै।”
चेला इसताँई हैरान रैह गए हे कै बे उन रोटिऔं के चमत्कार के बारे मै ना समजे हे, कैसेकै उनके मन कठोर हो गए हे।
अगर मैं उनकै भूँकेई घर भेज दौं, तौ रस्तई मै थक कै बेहोस हो जांगे इनमै सै कुछ लोग दूर सै आए हैं।”
ईसु नै उनसै पूँछी, “तुमरे धौंरे कितनी रोटी हैं?” उनौनै कैई “सात”