4 और जब बे बजार सै आवै हैं, जब तक बे मौह हात ना धो लेते, तब तक कुछ बी ना खावै हैं। और ऐंसी भौत सी और परम्परा बी उनकै माननै कै मिली हैं, जैसे कटोरौं, और लोटौं, और काँसी के बरतनौ कै माँजनो, और धोनो।
जब पीलातुस नै देखो कै कुछ ना बन पड़ रओ है, उल्टा दंगा फसाद हो सकै है, तौ बानै पानी मँगाकै लोगौ के सामने हात धोए और कैई, “मैं इस धरमी के खून को दोसी ना हौं, तुम लोग जानौ।”
पर अगर जैसे बौ खुद जोती मै है, बैसेई हम बी जोती मै चलैं, तौ एक दूसरे के संग हमरो अच्छो मेल-जोल होगो और परमेसर को लौंड़ा ईसु को खून हमकै सबई पापौं सै सुद्द कर देवै है।