12 तौ तुम उसकै अब्बा या उसकी अईया की कुछ सेवा ना करन देते।
पर तुम कैबौ हौ कै अगर कोई अपने अईया सै कैए, कै मेरी जिन किसी चीजौ सै तुमकै फाएदा मिल सकै हो, बौ ‘कुरबान’ (मतलब परमेसर कै भेंट कर दंई हैं)
इस तरै तुम अपनी रीति-रिबाजौ सै जो तुमनै बनाए हैं, और परमेसर को बचन टाल देवौ हौ, और इस तरै के और बी भौत से काम करते रैहबौ हौ।”