41 और ईसु नै बे पाँच रोटी और दो मच्छी लंई, और सुरग की ओर देखते भए धन्नबाद करो और रोटी तोड़-तोड़कै चेलौ कै दे दंई, कै लोगौ कै परसते जाँय, और बे दो मच्छी बी सम्मै बाँट दंई।
तब ईसु नै लोगौ कै घाँस मै बैठनै को आदेस दे दओ, और बे पाँच रोटी और दो मच्छी लंई, और सुरग की ओर आँख उठाकै आसीस की पिराथना करी और रोटी तोड़-तोड़कै चेलौ कै दंई, और चेलौ नै लोगौ कै।
जो किसी खास दिन कै सुब मानै है, तौ बौ उसकै परभु के नाम मै सुब मानै है। और जो सब कुछ खावै है बौ परभु के नाम सै खावै है, कैसेकै बौ परमेसर कै धन्नबाद देवै है, और जो परहेज करै है, बौ बी परमेसर को धन्नबाद करै है।