जे लोग तुमरी दाबतौं मै आकै बेसरमौ के हाँई खावै-पीवै हैं और तुमरे ताँई जे लुके भए खतरा हैं और जे ऐंसे भेड़ चुंगानै बारे हैं जो अपनेई बारे मै सोचै हैं, बे बिना बरसे बादर के हाँई हैं, जिनकै बियार उड़ा ले जावै है, बे पतझड़ बारे बिना फल के पेड़ हैं, जो दो बार मर चुके हैं और जड़ सै उखड़ गए हैं।