40 और बानै अपने चेलौ सै कैई, “तुम काए डर रए हौ? का तुमकै अब तक बिसवास ना है?”
ईसु नै तुरन्त हात बढ़ाकै बौ थाम लओ, और उस्सै कैई, “हे अल्प बिसवासी, तैनै काए सक करो?”
जौ जानकै, ईसु नै उनसै कैई, “हे अल्प बिसवासिऔ, तुम आपस मै काए बिचार करौ हौ कै हमरे धौंरे रोटी ना है?
इसताँई अगर परमेसर बन की घाँस कै जो आज है और कल भट्टी मै झौंक दई जागी, इस तरै सजाबै है, तौ हे अल्प बिसवासिऔ, बौ तुमरे ताँई इस्सै जादा काए ना करैगो?
तब ईसु नै उनसै कैई, “हे अल्प बिसवासिऔ काए डरौ हौ?” तब उसनै उठकै आँधी और पानी कै डाँट लगाई और सब सान्त हो गओ।
और बे भौतई डर गए और आपस मै कैललगे, “जौ कौन है, कै आँधी और पानी बी बाको हुकम मानै हैं?”
तब बानै अपने चेलौ सै कैई, “तुमरो बिसवास कहाँ है?” पर बे डर गए, और अचम्बे मै पड़कै आपस मै कैललगे, “जौ कौन है? जो आँधी और पानी कै बी हुकम देवै है, और बे बाको हुकम मानै हैं?”